एक गाँव में आग लगी। सभी लोग उसको बुझाने में लगे हुए
थे।
वहीँ एक चिड़िया अपनी चोंच में पानी भरती और आग में
डालती। फिर भारती और फिर आग में डालती। एक कौवा डाल पर बैठा उस
चिड़िया को देख रहा था।
कौवा चिड़िया से बोला, "अरे पागल तू कितनी भी मेहनत कर ले, तेरे बुझाने से ये आग
नहीं बुझेगी।" उस पर चिड़िया विनम्रता से बोली, "मुझे पता है मेरे
बुझाने से ये आग नहीं बुझेगी। लेकिन जब भी इस आग
का ज़िक्र होगा, तो मेरी गिनती बुझाने वालों में और
तेरी गिनती तमाशा देखने वालों में होगी।" It gives a lesson to us
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