जैसी करनी वैसा फल
आज नहीं तो निश्चित कल !
जब तक कर्म कर्ता को पकड़ नहीं लेता तब तक पीछा नहीं छोड़ता ! यह क्रम जन्मों जन्मों तक चलता रहता है ! आप सब राम नाम जपते हो इसलिये कि नामी विचारों में बस जाए ! विचारों के अनुसार ही कर्म होते हैं !... यही सोचो कि हमारे कर्म श्रेष्ठ हों ,सत्कर्म हों ! हमें सद्गति मिले ! कर्म रावण जैसे करो और फल चाहो राम जैसा यह सम्भव नहीं ! जब कर्म हो चुका तब कुछ नहीं होगा ! कर्म करने से पहले सोचो ! एक दफा़ तीर निकल गया तो कहीं न कहीं तो लगेगा ही ! यह सब कुकर्म करने से पहले सोचना था !
आज नहीं तो निश्चित कल !
जब तक कर्म कर्ता को पकड़ नहीं लेता तब तक पीछा नहीं छोड़ता ! यह क्रम जन्मों जन्मों तक चलता रहता है ! आप सब राम नाम जपते हो इसलिये कि नामी विचारों में बस जाए ! विचारों के अनुसार ही कर्म होते हैं !... यही सोचो कि हमारे कर्म श्रेष्ठ हों ,सत्कर्म हों ! हमें सद्गति मिले ! कर्म रावण जैसे करो और फल चाहो राम जैसा यह सम्भव नहीं ! जब कर्म हो चुका तब कुछ नहीं होगा ! कर्म करने से पहले सोचो ! एक दफा़ तीर निकल गया तो कहीं न कहीं तो लगेगा ही ! यह सब कुकर्म करने से पहले सोचना था !
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